क्या एवोकाडो और केला माइग्रेन बढ़ाते हैं? जानें सच और सावधानियां

माइग्रेन एक ऐसी दिक्कत है जो गलत खाना खाने, तनाव या मौसम बदलने से तुरंत बढ़ सकती है। आमतौर पर केला और एवोकाडो बहुत हेल्दी फल माने जाते हैं, लेकिन माइग्रेन वाले लोगों में ये कभी-कभी दर्द को और ज्यादा बढ़ा देते हैं...

4 घंटे पहले

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माइग्रेन एक ऐसी दिक्कत है जो गलत खाना खाने, तनाव या मौसम बदलने से तुरंत बढ़ सकती है। आमतौर पर केला और एवोकाडो बहुत हेल्दी फल माने जाते हैं, लेकिन माइग्रेन वाले लोगों में ये कभी-कभी दर्द को और ज्यादा बढ़ा देते हैं। इन फलों में मौजूद कुछ प्राकृतिक तत्व दिमाग के केमिकल संतुलन को प्रभावित कर ट्रिगर पैदा कर सकते हैं।

पका हुआ केला टायरामिन नाम के कंपाउंड से भर जाता है और एवोकाडो में भी कुछ तत्व ऐसे होते हैं जो संवेदनशील लोगों में सिरदर्द बढ़ा सकते हैं। इसलिए जिन्हें बार-बार माइग्रेन होता है, उन्हें इन फलों को खाते समय थोड़ा ध्यान रखना चाहिए। सही मात्रा में खाने से नुकसान की जगह फायदा भी मिलता है।

केले और एवोकाडो के फायदे

केले के लाभ: केले में पोटैशियम, विटामिन B6, मैग्नीशियम और प्राकृतिक शर्करा होती है, जो शरीर को ऊर्जा देती है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है और थकान में तेजी से राहत देता है। मैग्नीशियम मांसपेशियों को आराम देने में मदद करता है।

एवोकाडो के लाभ: एवोकाडो में हेल्दी फैट, फाइबर, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट काफी मात्रा में होते हैं। यह दिल, दिमाग और ब्लड शुगर के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसमें मौजूद विटामिन E और ल्यूटिन त्वचा और सूजन कम करने में भी मदद करते हैं।

केला और एवोकाडो क्यों बढ़ा सकते हैं माइग्रेन?

इन दोनों फलों में टायरामिन होता है। यह वह तत्व है जो नर्वस सिस्टम और ब्लड फ्लो को प्रभावित करता है, जिससे माइग्रेन का दर्द ट्रिगर हो सकता है। जैसे-जैसे केला और एवोकाडो ज्यादा पकते हैं, टायरामिन की मात्रा बढ़ती जाती है, जो संवेदनशील लोगों के लिए खतरा बढ़ा सकता है। एवोकाडो में हिस्टामीन और पॉलीफेनॉल भी होते हैं, जो कुछ लोगों में सूजन और सिरदर्द को तेज कर सकते हैं।

एवोकाडो माइग्रेन में फायदेमंद भी क्यों हो सकता है?

कुछ लोग एवोकाडो खाने से माइग्रेन में राहत भी महसूस करते हैं। एवोकाडो मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है, जो दिमाग के लिए जरूरी है और माइग्रेन की आवृत्ति कम कर सकता है। इसमें मौजूद हेल्दी फैट दिमाग को पोषण देते हैं और सूजन कम करने में मदद करते हैं, जो माइग्रेन ट्रिगर को कम कर सकता है।

एवोकाडो में टायरामिन का असर

बहुत पके हुए एवोकाडो में टायरामिन की मात्रा ज्यादा हो जाती है। यह कंपाउंड रक्त वाहिकाओं को कभी फैलाता और कभी संकुचित करता है, जो माइग्रेन को शुरू कर सकता है। यदि आपका शरीर टायरामिन के प्रति संवेदनशील है, तो एवोकाडो आपके लिए ट्रिगर बन सकता है।

किसे एवोकाडो से सावधान रहना चाहिए?

हर व्यक्ति की बॉडी अलग तरह से प्रतिक्रिया देती है। कुछ लोगों को एवोकाडो खाने से कोई समस्या नहीं होती, जबकि कुछ में सिरदर्द बढ़ जाता है। जिन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

खाने की डायरी रखें: क्या खाने के बाद सिरदर्द बढ़ता है, यह नोट करें।

बहुत पके फल न खाएं: ज्यादा पके एवोकाडो और केला में टायरामिन ज्यादा बनता है।

धीरे-धीरे शामिल करें: पहले कम मात्रा में खाएं और प्रतिक्रिया देखें।

माइग्रेन वालों के लिए हेल्दी विकल्प

अगर एवोकाडो आपके लिए ट्रिगर है, तो ये विकल्प ट्राय करें:

मैग्नीशियम के स्रोत: पालक, मेवे, बीज, डार्क चॉकलेट (कम मात्रा में)।

हेल्दी फैट: जैतून का तेल, बादाम, अखरोट, सैल्मन और ट्यूना जैसी मछलियां।

 - YUKTI RAI 

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