
सोमवार को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाए जाते ही बांग्लादेश ने भारत से बड़ी मांग उठाई है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय की तरफ से भरत सरकार को पत्र लिखा गया है। इसमें शेख हसीना को उसके हवाले करने की बात कही गई है। इसके साथ पूर्व गृह मंत्री कमाल को भी हैंडओवर करने की बात कही गई है।
हसीना को मौत की सजा सुनाने के बाद बढ़ी कार्रवाई
यह मांग उस समय सामने आई जब कुछ ही घंटे पहले बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई। उन पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल देशभर में हुए छात्र आंदोलन के दौरान हिंसक कार्रवाई करवाने में भूमिका निभाई थी। न्यायाधिकरण ने उन्हें जुलाई 2024 में हुई कई हत्याओं के लिए “मानवता के खिलाफ अपराध” का दोषी पाया है।
बांग्लादेश ने भारत से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को प्रत्यर्पित करने का आग्रह किया है। दोनों को पिछले साल एक छात्र विद्रोह के खिलाफ कार्रवाई में उनकी भूमिका के लिए मौत की सजा सुनाई गई है। बांग्लादेश की तरफ से कहा गया कि प्रत्यर्पण संधि के…
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 17, 2025
भारत में मौजूद मानी जा रही हैं हसीना
रिपोर्टों के अनुसार, छात्र आंदोलन के दौरान बढ़ते विरोध के बीच शेख हसीना ढाका से निकलकर अगस्त 2024 से भारत में रह रही हैं। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि कोई भी देश यदि उन्हें शरण देगा, तो वह “अनमित्रतापूर्ण व्यवहार” होगा और यह “न्याय की अनदेखी” माना जाएगा।
बांग्लादेश बोला- भारत का कर्तव्य है उन्हें सौंपना
ढाका ने कहा कि संधि के मुताबिक भारत का यह “अनिवार्य दायित्व” है कि वह शेख हसीना और अन्य दोषियों को बांग्लादेशी अधिकारियों को सौंपे। विदेश मंत्रालय का कहना है कि आरोप बहुत गंभीर हैं और न्यायाधिकरण ने विस्तृत जांच के बाद निर्णय दिया है, इसलिए भारत को कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए।
पूर्व गृह मंत्री को भी मौत की सजा
ICT ने बांग्लादेश के पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को भी मौत की सजा सुनाई है। उन पर भी उसी मामले में गैरहाजिरी में मुकदमा चला। बांग्लादेश ने कहा कि उन्हें भी बिना देरी के वापस भेजा जाना चाहिए।
Saurabh Dwivedi

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