समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को फर्जी पैन कार्ड बनाने के केस में 7-7 साल की सजा हुई है। रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने सोमवार को उन्हें दोषी ठहराया और कुछ देर बाद ही सजा भी सुना दी। दोनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। फैसला आते ही पुलिस ने उन्हें कोर्ट में ही हिरासत में ले लिया।
आजम खान 2 महीने पहले ही सीतापुर जेल से बाहर आए थे। उनके बेटे अब्दुल्ला 9 महीने पहले हरदोई जेल से रिहा हुए थे। अब दोनों को फिर जेल जाना होगा।
#WATCH | Rampur, UP | Samajwadi Party leader Azam Khan reaches the court ahead of the verdict in the case involving two PAN cards of former SP MLA Abdullah Azam pic.twitter.com/cXPzrHgRw9
— ANI (@ANI) November 17, 2025
क्या था मामला?
यह केस 2016 का है। दरअसल, 2017 के विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से अब्दुल्लाह आजम ने नामांकन दाखिल किया था। असली जन्मतिथि के अनुसार 1 जनवरी 1993 के अनुसार उनकी उम्र तब 24 साल की थी जबकि विधायक बनने के लिए कम से कम 25 साल होना जरूरी है। दावा किया जा रहा है कि आजम खान ने साजिश रची और बेटा का दूसरा पैन कार्ड बनवाया जिसमें 30 सितंबर 1090 दिखाई गई। इसी फर्जी पैन कार्ड को बैंक पासबुक और नामांकन पत्र में इस्तेमाल कर धोखाधड़ी की गई। इसी के आधार पर अब्दुल्लाह आजम अयोग्य होते हुए भी विधायक चुने गए।
यह मामला 2019 में दर्ज हुआ था। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने आरोप लगाया था कि आजम खान ने अपने बेटे अब्दुल्ला को चुनाव लड़ाने के लिए दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र दिखाए और दो पैन कार्ड बनवाए।
फैसले पर क्या बोले शिकायतकर्ता?
विधायक आकाश सक्सेना ने कहा कि यह “सत्य की जीत” है। उनके अनुसार, आजम खान के खिलाफ सभी मामले कागजी सबूतों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा, “गलत किया है, तो सजा तो मिलेगी ही।”
Saurabh Dwivedi





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