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- Tue, 03rd Dec, 2024
भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्यता के लिए प्रयास कर रहा है। कई अन्य देशों ने भारत का समर्थन किया है. लेकिन चीन इसमें अड़ंगा लगा रहा है. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत को UNSC की स्थायी सदस्यता जरूर मिलेगी. लेकिन उन्होंने कहा कि इसके लिए और प्रयास की जरूरत है. ये बयान उन्होंने गुजरात में बोलते हुए दिया है. दर्शकों ने उनसे इस बारे में सवाल किया. जिसका जवाब देते हुए एस जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना करीब 80 साल पहले हुई थी. पांच देशों अर्थात् चीन, फ्रांस, रूसी संघ, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपनी सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का निर्णय लिया था. उस समय विश्व में 50 देश स्वतंत्र थे. बाद में इनकी संख्या बढ़कर 193 हो गई.
एस जयशंकर ने क्या कहा?
एस जयशंकर ने कहा, ''लेकिन इन पांचों देशों ने अपना नियंत्रण बनाए रखा है. उन्होंने कहा, लेकिन अब बदलाव के लिए कहा जाना अजीब बात है. कुछ सहमत होते हैं, कुछ ईमानदारी से अपनी राय व्यक्त करते हैं. लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं जो उल्टा काम करते हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि ये कई सालों से चल रहा है. लेकिन अब बदलाव होना चाहिए. भारत को स्थाई सदस्य बनाया जाना चाहिए. ऐसी भावना पूरी दुनिया में बनी है. यह भावना निरंतर बढ़ती जा रही है. हम इसे जरूर हासिल करेंगे.' लेकिन बिना मेहनत के कुछ भी हासिल नहीं होता. हमें कड़ी मेहनत करनी होगी.
दुनिया भर में बढ़ी मांग
भारत, जापान, जर्मनी और मिस्र ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र को एक प्रस्ताव सौंपा है. तो अब ये बात और आगे बढ़ सकती है. लेकिन हमें दबाव डालना ही चाहिए और जब दबाव बढ़ता है तो दुनिया में ये भावना पैदा होती है कि संयुक्त राष्ट्र कमजोर हो गया है. यूक्रेन युद्ध को लेकर संयुक्त राष्ट्र और गाजा पर हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र में उथल-पुथल मची हुई थी। आम सहमति नहीं बन पाई. मुझे लगता है जैसे-जैसे यह भावना बढ़ेगी, हमें स्थायी जगह मिलने की संभावना भी बढ़ती जायेगी.