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- Tue, 03rd Dec, 2024
दक्षिण चीन सागर को लेकर फिलीपींस और चीन के बीच दशकों से विवाद चल रहा है. अब ये विवाद बढ़ता जा रहा है. दक्षिण चीन सागर में फिलीपीन के एक जहाज और चीनी तट रक्षक के बीच झड़प हो गई. इसके बाद से दोनों देशों के बीच जुबानी जंग जारी है. दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है. चीन हमेशा फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताइवान और ब्रुनेई के बीच प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध व्यस्त जलमार्ग पर अपना दावा करता रहा है. हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने फिलीपींस का दौरा किया. भारत ने फिलीपींस से कहा कि दक्षिण चीन सागर विवाद में हम आपके साथ हैं. चीनी तटरक्षक बल के हमले के बाद फिलीपींस के राष्ट्रपति ने गुरुवार को अपने रुख की घोषणा की. दक्षिण चीन सागर में चीनी तट रक्षक और मिलिशिया जहाजों के हमलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा है कि फिलीपींस के लोग झुक नहीं रहे हैं.
राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस अगले कुछ हफ्तों में क्या करेंगे? इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन उन्होंने कहा है कि हम अपने दुश्मनों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. चीनी तट रक्षक और फिलीपीनी जहाज के बीच समुद्र में झड़प. “चीनी तट रक्षक और चीनी समुद्री मिलिशिया एजेंटों द्वारा किए गए हमले गलत हैं. हम इस खतरनाक हमले का जवाब देंगे,'' मार्कोस ने एक्स पर लिखा. उन्होंने कहा, ''हम किसी भी देश के साथ कोई विवाद नहीं चाहते. हम विशेषकर उन देशों से लड़ना नहीं चाहते जो हमारे मित्र होने का दावा करते हैं. लेकिन हम चुप नहीं बैठेंगे. उन्होंने कहा है कि फिलीपींस के लोग झुकेंगे नहीं.
जयशंकर के दौरे के बाद धमकी!
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में फिलीपींस का दौरा किया. इस धमकी को जयशंकर के दौरे से जोड़कर देखा जा रहा है. क्योंकि राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस ने ये बयान जयशंकर के दौरे के बाद दिया है. फिलीपींस की तरह भारत का भी चीन के साथ LAC पर विवाद है.