
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने आज राष्ट्र को संबोधित किया। लेकिन उनके भाषण के कुछ ही मिनटों बाद इजरायली लड़ाकू विमानों ने तेहरान के लवीजान इलाके में हमला कर दिया। यह वही इलाका है जिसे खामेनेई का संभावित गुप्त ठिकाना माना जाता रहा है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहले ही यह कह चुके हैं कि अगर खामेनेई को खत्म कर दिया जाए, तो ईरानी शासन और युद्ध दोनों खत्म हो जाएंगे। वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा था, “हमें पता है वो कहां हैं... हमने उन्हें अभी तक मारा नहीं है।”
कुछ दिन पहले ईरानी मीडिया ने रिपोर्ट दी थी कि खामेनेई को तेहरान के उत्तर-पूर्वी इलाके लवीजान के एक भूमिगत बंकर में शिफ्ट किया गया है। यही वजह है कि माना जा रहा है कि इजरायल ने उसी बंकर को निशाना बनाया हो।
फिलहाल ईरान और इज़रायल दोनों ही देशों ने इस हमले को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन ये घटना पहले से ही तनाव में झुलस रहे दोनों देशों के बीच हालात को और गंभीर बना रही है।
क्या कहा खामेनेई ने अपने भाषण में
अपने आज के भाषण में खामेनेई ने बेहद कड़ा और भावनात्मक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि ईरान अपने शहीदों के खून को कभी नहीं भूलेगा और जो भी देश की हवाई सीमा का उल्लंघन करेगा, उसे माफ नहीं किया जाएगा।
उन्होंने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी भी बाहरी ताकत ने ईरान पर हमला किया तो उसे ऐसा नुकसान होगा जो कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। उन्होंने ट्रंप के हालिया बयानों को 'धमकी भरे और हास्यास्पद' बताया।
इजरायली हमले पर तीखी प्रतिक्रिया
खामेनेई ने अपने संबोधन में इजरायल के हाल के हमलों को "बेवकूफाना और नफरत से भरे" क़दम करार दिया। उन्होंने कहा कि यह हमला पूरी ईरानी जनता की सहनशक्ति की परीक्षा लेने जैसा है।
उन्होंने देशवासियों की बहादुरी और समय पर प्रतिक्रिया की तारीफ करते हुए कहा कि ईरानी राष्ट्र अब आध्यात्मिक और सोच के स्तर पर पूरी तरह परिपक्व हो चुका है।
अंत में खामेनेई ने दो टूक कहा, "हम न थोपी गई जंग स्वीकार करेंगे और न ही थोपी गई शांति। ईरान किसी भी दबाव या जबरदस्ती के आगे नहीं झुकेगा।"
- YUKTI RAI