.png)
ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष में अमेरिका की एंट्री ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। अमेरिका द्वारा ईरान के तीन न्यूक्लियर ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के बाद UNSC की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई। ईरान ने इस मीटिंग में अमेरिका को खुली धमकी दी है कि अब जवाबी कार्रवाई का समय, तरीका सब कुछ मिलिट्री तय करेगी।
बता दें कि ईरान के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत आमिर सईद इरवानी ने बैठक में कहा कि अमेरिका ने उनकी परमाणु फैसिलिटी पर हमला करके कूटनीति को नष्ट करने का काम किया है। वहीं, अमेरिका ने ईरान द्वारा लगाए गए इन आरोपों को निराधार करार दिया। UNSC की इस बैठक में चीन और रूस ने अमेरिका के हमले की जमकर आलोचना की ।
"अमेरिका को दी थी चेतावनी"
ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के हमले की निंदा करते हुए राजदूत आमिर सईद इरवानी ने ''हमने बार-बार युद्ध उन्मादी अमेरिका को चेतावनी दी थी कि वे इस दलदल में न फंसें। लेकिन, अमेरिका ने ईरान के तीनों परमाणु ठिकानों पर हमला करके खुद को युद्ध में शामिल कर लिया है।''
उन्होंने अमेरिका पर ईरान के खिलाफ बेतुके और मनगढ़ंत बहाने से युद्ध छेड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि, "ईरान, अमेरिकी अटैक और उसके इजरायली प्रॉक्सी के खिलाफ खुद का बचाव करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अपना पूरा अधिकार सुरक्षित रखता है। अब ईरानी सेना तय करेगी कि कब और कैसे जवाब देना है। हम सभी जरूरी कदम उठाएंगे।"
इजराइली पीएम पर भी साथा निशाना
ईरान ने इजराइली पीएम नेतन्याहू पर निशाना साधते हुए कहा कि, "नेतन्याहू अमेरिका की विदेश नीति का अपहरण करने में सफल रहे और उन्होंने अमेरिका को एक और महंगे और निराधार युद्ध में फंसा दिया है।" ईरान की ओर से बातचीत के मुद्दे पर कहा गया कि, "श्चिमी देशों के हिसाब से ईरान को आत्मसमर्पण कर देना चाहिए और बातचीत की मेज पर आना चाहिए, लेकिन ईरान वापस कैसे आ सकता है, जब बातचीत का रास्ता छोड़ा ही नहीं गया।"