केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने 7 से 9 नवंबर तक सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा की। इस दौरान भारत और सऊदी अरब के बीच हज 2026 के लिए एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय हज समझौते (Bilateral Haj Agreement) पर हस्ताक्षर किए गए।
रिजिजू ने सऊदी अरब के हज एवं उमरा मंत्री डॉ. तौफीक बिन फौजान अल रबिया के साथ बैठक की, जिसमें दोनों देशों ने हज यात्रा से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा की और आपसी सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई। बैठक का मुख्य फोकस तीर्थयात्रियों की आवास, परिवहन, स्वास्थ्य सुविधाओं और समग्र अनुभव को बेहतर बनाने पर रहा।
भारत का नया हज कोटा तय
समझौते के तहत वर्ष 2026 के लिए भारत को 1,75,025 तीर्थयात्रियों का कोटा मिला है। रिजिजू ने रियाद स्थित भारतीय दूतावास और जेद्दा के भारतीय वाणिज्य दूतावास में समीक्षा बैठक कर अब तक की तैयारियों का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों की सराहना की।
हज से जुड़ी सुविधाओं का निरीक्षण
यात्रा के दौरान मंत्री ने जेद्दा और ताइफ में स्थित हज टर्मिनल, हरमाइन स्टेशन और अन्य प्रमुख स्थलों का दौरा किया। उन्होंने वहां के बुनियादी ढांचे, सुविधाओं और व्यवस्थाओं की जानकारी ली ताकि भारतीय यात्रियों को सुगम और सुरक्षित यात्रा अनुभव मिल सके।
भारतीय समुदाय से मुलाकात
किरन रिजिजू ने जेद्दा और ताइफ में प्रवासी भारतीय समुदाय से भी भेंट की और उनके अनुभवों को सुना। उन्होंने कहा कि यह दौरा भारत-सऊदी अरब संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में एक अहम कदम है।
भारत-सऊदी संबंधों में नई मजबूती
रिजिजू ने सोशल मीडिया पर बताया कि यह समझौता दोनों देशों की उस साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसके तहत हज यात्रा को सुरक्षित, सुविधाजनक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह दौरा दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान, सामुदायिक कल्याण और पारस्परिक सहयोग को भी और मजबूत करेगा।
इस यात्रा में उनके साथ अतिरिक्त सचिव (खाड़ी) असीम आर. महाजन और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव (हज) राम सिंह भी शामिल थे। यह दौरा सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्री के निमंत्रण पर आयोजित किया गया था।
- YUKTI RAI



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