दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। राजधानी के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सोमवार सुबह भी 400 के आसपास दर्ज किया गया, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है।
इस बीच, रविवार को इंडिया गेट पर सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया और दिल्ली में स्वास्थ्य आपातकाल (Health Emergency) घोषित करने की मांग उठाई।
इंडिया गेट पर लोगों का प्रदर्शन
रविवार को इंडिया गेट के पास बच्चों, बुज़ुर्गो और अभिभावकों सहित कई नागरिक इकट्ठा हुए। उन्होंने ‘स्मॉग से आजादी’ और ‘सांस लेना मुझे मार रहा है’ जैसी तख्तियां लेकर सरकार से तुरंत कार्रवाई की अपील की।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वायु प्रदूषण अब केवल पर्यावरण नहीं, बल्कि स्वास्थ्य का संकट बन गया है। एक डॉक्टर ने बताया कि “दिल्ली में हर तीसरे बच्चे के फेफड़े कमजोर हो चुके हैं, और लंबे समय तक इस हवा में रहने से अस्थमा, स्ट्रोक और हृदय रोग बढ़ रहे हैं।”
ऑनलाइन क्लास और वर्क फ्रॉम होम की मांग
दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार बिगड़ने के बाद कई प्राइवेट स्कूलों ने आउटडोर गतिविधियां रोक दी हैं। प्रार्थना सभा और खेल कार्यक्रम भी अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं। सोशल मीडिया पर अभिभावकों और RWA संघों ने ऑनलाइन क्लासेज शुरू करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने नागरिकों से कारपूलिंग अपनाने और निजी कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम लागू करने की सलाह दी है।
दिल्ली के कुछ इलाकों का एक्यूआई स्तर (सोमवार सुबह)
बवाना – 412
जहांगीर पुरी – 394
बुराड़ी क्रॉसिंग – 389
नेहरू नगर – 386
चांदनी चौक – 365
आनंद विहार – 379
अशोक विहार – 373
GRAP-3 लागू हुआ तो क्या होंगी पाबंदियां
फिलहाल सीएक्यूएम (CAQM) ने GRAP-3 लागू नहीं किया है, लेकिन हालात बिगड़ने पर इसे लागू किया जा सकता है। इस स्तर पर आमतौर पर ये पाबंदियां लगती हैं
गैर-जरूरी निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्यो पर रोक
पुराने डीजल वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी
सीमेंट, बालू आदि सामग्रियों के परिवहन पर रोक
इंटर-स्टेट डीजल बसों पर प्रतिबंध
कक्षा 5 तक के स्कूल बंद, ऑनलाइन क्लास की अनुमति
डीजल जनरेटरों का उपयोग केवल आपात सेवाओं के लिए
कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम या हाइब्रिड मॉडल अपनाने की सलाह
प्रदूषण से बढ़ता असमानता का संकट
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर गरीब और रोजमर्रा के कामगारों पर पड़ता है। एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, “अमीर लोग एयर प्यूरीफायर लगा सकते हैं या पहाड़ों पर जा सकते हैं, लेकिन हम कहां जाएं?”
कुछ लोगों ने सरकारी AQI डेटा पर भी संदेह जताया। प्रेरणा मेहरा ने कहा, “जब AQI मॉनिटरिंग स्टेशनों के पास पानी छिड़कने के वीडियो सामने आते हैं, तो आंकड़ों पर भरोसा कैसे किया जाए?”
पुलिस ने लिया एक्शन
हालांकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों, जिनमें बच्चे भी शामिल थे, को हिरासत में लिया।
डीसीपी (नई दिल्ली) देवेश कुमार महला ने कहा कि इंडिया गेट पर विरोध की अनुमति नहीं थी, इसलिए यह कार्रवाई निवारक तौर पर की गई।
विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहीं पर्यावरण कार्यकर्ता भावरीन कंधारी ने कहा, “हमने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा था, लेकिन इनकार कर दिया गया। यह राजनीति नहीं, साफ हवा का मामला है।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “यह एक गैर-राजनीतिक प्रदर्शन था, जो दिल्ली के लोगों की चिंता को दिखाता है। लेकिन कई सरकारी संस्थाएं प्रदूषण के आंकड़ों से खेल रही हैं।”
वहीं, बीजेपी नेता मनजिंदर सिरसा ने जवाब दिया, “AAP ने दस सालों में दिल्ली की हवा और पानी को ज़हरीला बना दिया है। अब हम स्थिति सुधारने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पिछले एक दशक की गंदगी एक दिन में साफ नहीं हो सकती।”
दिल्ली की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। नागरिक अब सरकार से केवल बयान नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। “सांस लेने का अधिकार” अब दिल्लीवासियों के लिए सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है।
- YUKTI RAI



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