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हरदोई। बिलग्राम सीएचसी पर प्रसव कराने के लिए 25000 की रिश्वत मांगने और मेडिकल स्टाफ की लापरवाही से पेट में ही शिशु की मौत होने के मामले में कार्रवाई तेज हो गई है, पुलिस ने मामले में शनिवार को दो स्टाफ नर्स को गिरफ्तार किया और डाक्टरी परीक्षण के बाद एंटी करप्शन कोर्ट लखनऊ भेज दिया। प्रकरण में सीओ बिलग्राम जांच कर रहे हैं।
घटना 18 मई 2023 की है, जब सरौना गांव के शैलेन्द्र कुमार की पत्नी मनीषा को प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलग्राम लाया गया था। आरोप है कि फार्मासिस्ट अनिल अवस्थी, प्राइवेट कर्मचारी रिजवान अली, स्टाफ नर्स शालिनी वर्मा, सीमा, सर्वेशरी देवी और आशा बहू शिल्पी देवी ने मनीषा से 2500 रुपये की मांग की। पीड़ित के पास सिर्फ 1500 रुपये थे, जो आरोपियों ने ले लिए।
पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि मेडिकल स्टाफ ने लापरवाही से प्रसव कराने का प्रयास किया और फिर महिला को जिला महिला अस्पताल रेफर कर दिया। जहां मनीषा ने मृत शिशु को जन्म दिया। बिलग्राम सीएचसी के मेडिकल स्टाफ की लापरवाही से पेट में ही शिशु की मौत हो गई। पीड़ित ने पूरी घटना को मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया और उच्चाधिकारियों से शिकायत की।
शिकायत के बाद सीएमओ ने जांच कर स्टाफ नर्स शालिनी और सीमा का ट्रांसफर कर दिया, जबकि सर्वेशरी देवी सेवानिवृत्त हो गईं। आरोपियों पर सख्त कार्रवाई न होने से नाराज पीड़ित ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी मेडिकल स्टाफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश पर डेढ़ महीना पहले बिलग्राम कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया और जांच सीओ को दी गई।
शनिवार को पुलिस ने 6 आरोपियों में से स्टाफ नर्स शालिनी वर्मा और सीमा को गिरफ्तार कर लिया, पुलिस ने दोनों का मेडिकल परीक्षण कराने के बाद एंटी करप्शन कोर्ट लखनऊ भेज दिया। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।