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- Mon, 30th Dec, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर तुरंत निर्देश देने से इनकार कर दिया है जिसमें मतदान खत्म होने के बाद 48 घंटे के भीतर वोटिंग का डाटा सार्वजनिक किए जाने की मांग की गई थी. याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने कहा कि 25 मई को छठे चरण की वोटिंग होगी. इस मुहाने पर हम अंतरिम राहत देने के इच्छुक नहीं हैं. हम चुनाव में बाधा नहीं डाल सकते. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को लंबित रखा है और कहा कि चुनाव के बाद उचित बेंच इसपर सुनवाई करेगा
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी ADR और तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा की तरफ से यह याचिका दाखिल की गई थी. इसमें चुनाव आयोग को वोटिंग के 48 घंटे के भीतर मतदान प्रतिशत की सही संख्या प्रकाशित करने और अपनी वेबसाइट पर फॉर्म 17सी की प्रतियां अपलोड करने का निर्देश देने की मांग की गई थी.
निर्वाचन आयोग ने किया विरोध
निर्वाचन आयोग के वकील मनिंदर सिंह ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह याचिका सुनवाई के योग्य ही नहीं है. उन्होंने इसे कानून की प्रक्रिया के दुरुपयोग बताया. देश में चुनाव चल रहे हैं और ये इस तरह बार- बार अर्जी दाखिल कर रहे हैं. उन्होने याचिकाकर्ताओं पर जुर्माना लगाने की मांग करते हुए कहा कि महज आशंकाओं के आधार पर फर्जी आरोप लगाए जा रहे हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट ने हाल दी में दिए अपने फैसले में तमाम पहलू स्पष्ट कर दिए थे. निर्वाचन आयोग के वकील ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान लगातार आयोग को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने टाइमिंग पर उठाए सवाल
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर करने की टाइमिंग पर सवाल खड़ा किया. जस्टिस दीपांकर दत्ता ने याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे से पूछा कि चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर क्यों की गई? जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा आपने यह याचिका सही समय और उचित मांग के साथ दायर नहीं की है.
आखिर में जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने कहा कि, इस चरण में हम अंतरिम राहत देने के इच्छुक नहीं हैं.. हम अभी कोई आदेश जारी नहीं करेंगे. अब गर्मी छुट्टियों के बाद नियमित पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी.